इस्लामाबाद: वरिष्ठ पत्रकार एवं राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी और उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) की गुरुवार (14 जून) को जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्या की पाकिस्तान ने निंदा की है. 53 वर्षीय बुखारी श्रीनगर के लालचौक पर प्रेस एंक्लेव स्थित अपने कार्यालय से एक इफ्तार पार्टी के लिए जा रहे थे कि तभी उन पर गोलियां चलायी गयीं. पाकिस्तान के विदेश विभाग ने एक बयान में कहा है, हमें कश्मीर के लोकप्रिय पत्रकार शुजात बुखारी की अज्ञात हत्यारों द्वारा गोली मारकर हत्या करने की दुखद और स्तब्ध करने वाली सूचना मिली.
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि ऐसी क्रूरता के पक्ष में कोई तर्क नहीं हो सकता है, इसकी जितनी निंदा की जाए, कम होगा. बुखारी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए विदेश विभाग ने कहा, हमारी संवेदनाएं और दुआएं उनके परिवार के साथ हैं. अल्लाह उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दे. बुखारी के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है.
आतंकियों के हाथों मारे गये चौथे पत्रकार हैं बुखारी
बुखारी कश्मीर में तीन दशक से जारी हिंसा में आतंकवादियों के हाथों मारे गये चौथे पत्रकार हैं. 1991 में अलसफा के संपादक मोहम्मद शबान वकील की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. 1995 में बम धमाके में पूर्व बीबीसी संवाददाता यूसुफ जमील बाल-बाल बच गये थे, लेकिन एएनआई के कैमरामैन की जान चली गयी थी. 31 जनवरी, 2003 को नाफा के संपादक परवेज मोहम्मद सुल्तान की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.
Source:-ZEENEWS
View more: Bulk SMS Marketing, Bulk Email Marketing, WhatsApp Marketing, Digital Marketing Company
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि ऐसी क्रूरता के पक्ष में कोई तर्क नहीं हो सकता है, इसकी जितनी निंदा की जाए, कम होगा. बुखारी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए विदेश विभाग ने कहा, हमारी संवेदनाएं और दुआएं उनके परिवार के साथ हैं. अल्लाह उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दे. बुखारी के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है.
आतंकियों के हाथों मारे गये चौथे पत्रकार हैं बुखारी
बुखारी कश्मीर में तीन दशक से जारी हिंसा में आतंकवादियों के हाथों मारे गये चौथे पत्रकार हैं. 1991 में अलसफा के संपादक मोहम्मद शबान वकील की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. 1995 में बम धमाके में पूर्व बीबीसी संवाददाता यूसुफ जमील बाल-बाल बच गये थे, लेकिन एएनआई के कैमरामैन की जान चली गयी थी. 31 जनवरी, 2003 को नाफा के संपादक परवेज मोहम्मद सुल्तान की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.
Source:-ZEENEWS
View more: Bulk SMS Marketing, Bulk Email Marketing, WhatsApp Marketing, Digital Marketing Company
No comments:
Post a Comment