वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार (13 जून) को घोषणा की कि किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद उत्तर कोरिया अब अमेरिका के लिए कोई परमाणु खतरा नहीं है. ट्रम्प ने वापस वॉशिंगटन पहुंचते ही ट्वीट किया, ‘‘अभी-अभी पहुंचा हूं, लेकिन मेरे कार्यभार संभालने के दिन के मुकाबले अब हर कोई अधिक सुरक्षित महसूस कर रहा है.’’
उन्होंने यह भी कहा कि किम के साथ मुलाकात रोचक थी और यह अत्यंत सकारात्मक अनुभव था. भविष्य के लिए उत्तर कोरिया के पास काफी संभावना है. ट्रम्प ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया अब कोई परमाणु खतरा नहीं है. अमेरिकियों और शेष दुनिया को ‘‘आज रात चैन की नींद सोना चाहिए.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 13 मई को कहा था कि किम जोंग उन के साथ उनकी अभूतपूर्व शिखर वार्ता से दुनिया ‘‘परमाणु आपदा’’ के मुहाने से एक कदम पीछे लौटी है. इसके साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता का अपने लोगों के उज्ज्वल भविष्य की ओर ‘‘पहला साहसी कदम’’ उठाने के लिए आभार जताया. किम ने 12 मई को सिंगापुर शिखर वार्ता में अमेरिका की ओर से सुरक्षा गारंटी के बदले में ‘‘पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’’ की दिशा में काम करने का वादा किया था.
सिंगापुर में दोनों नेताओं (डोनाल्ड ट्रंप, किम जोंग उन) के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में बढ़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्योरा नहीं दिया गया है कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा, यही वजह है कि इस समझौते की आलोचना भी हो रही है.
Source:-ZEENEWS
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उन्होंने यह भी कहा कि किम के साथ मुलाकात रोचक थी और यह अत्यंत सकारात्मक अनुभव था. भविष्य के लिए उत्तर कोरिया के पास काफी संभावना है. ट्रम्प ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया अब कोई परमाणु खतरा नहीं है. अमेरिकियों और शेष दुनिया को ‘‘आज रात चैन की नींद सोना चाहिए.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 13 मई को कहा था कि किम जोंग उन के साथ उनकी अभूतपूर्व शिखर वार्ता से दुनिया ‘‘परमाणु आपदा’’ के मुहाने से एक कदम पीछे लौटी है. इसके साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता का अपने लोगों के उज्ज्वल भविष्य की ओर ‘‘पहला साहसी कदम’’ उठाने के लिए आभार जताया. किम ने 12 मई को सिंगापुर शिखर वार्ता में अमेरिका की ओर से सुरक्षा गारंटी के बदले में ‘‘पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’’ की दिशा में काम करने का वादा किया था.
सिंगापुर में दोनों नेताओं (डोनाल्ड ट्रंप, किम जोंग उन) के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में बढ़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्योरा नहीं दिया गया है कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा, यही वजह है कि इस समझौते की आलोचना भी हो रही है.
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