पटना : अपने बयान से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में हलचल बढ़ा देने वाले तेजप्रताप यादव की नाराजगी का असर देखने को मिला. आरजेडी ने तेजप्रताप के करीबी राजेंद्र पासवान को पार्टी का महासचिव बनाया है. इस बात की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि पार्टी के लिए उनके योगदान को देखते हुए जिम्मेदारी दी गई है.
महासचिव बनने से गदगद राजेंद्र पासवान ने कहा कि तेजप्रताप यादव के साथ-साथ पूरा लालू परिवार उन्हें महासचिव बनाना चाहता था. राजेंद्र पासवान ने खुद को तेजप्रताप यादव का भक्त बताया.
ज्ञात हो कि कुछ ही दिनों पहले तेजप्रताप ने रामचंद्र पूर्वे पर युवा कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी कोई नहीं सुनता है. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सबकुछ तेजस्वी को राजगद्दी पर बिठाकर मैं मथुरा चला जाऊंगा.
महासचिव पद पर नियुक्ति के बाद तेजप्रताप यादव और राजेंद्र पासवान एक मंदिर में साथ-साथ दिखे. उधर, प्रदेश महासचिव बनाए जाने पर राजेंद्र पासवान ने खुशी जाहिर की है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तेजप्रताप चाहते थे कि मैं महासचिव बनूं. उन्होंने दोनों भाइयों के बीच किसी भी तरह के विवाद को नकारते हुए कहा कि पार्टी में तेजप्रताप यादव की बात सुनी जाती है.
इससे पहले तेजप्रताप ने असहज होते हुए कहा था, 'पार्टी के लोग मेरी भी बात नहीं सुनना चाहते. भाई से भाई को लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं. मगर किसी भी कीमत पर पार्टी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा.'
राजद नेता और भगवान कृष्ण के भक्त तेजप्रताप ने एक ट्वीट के जरिए जहां खुद के द्वारका जाने की बात कही वहीं इशारों ही इशारों में तेजस्वी को सबकुछ सौंप देने की भी बात कही. इस दौरान उन्होंने हालांकि कुछ 'चुगलों' (आलोचकों) की भी बात लिखी है.
तेजप्रताप ने ट्वीट किया, 'मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं. अब कुछेक 'चुगलों' को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं . राधे राधे.'
Source:-ZEENEWS
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महासचिव बनने से गदगद राजेंद्र पासवान ने कहा कि तेजप्रताप यादव के साथ-साथ पूरा लालू परिवार उन्हें महासचिव बनाना चाहता था. राजेंद्र पासवान ने खुद को तेजप्रताप यादव का भक्त बताया.
ज्ञात हो कि कुछ ही दिनों पहले तेजप्रताप ने रामचंद्र पूर्वे पर युवा कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी कोई नहीं सुनता है. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सबकुछ तेजस्वी को राजगद्दी पर बिठाकर मैं मथुरा चला जाऊंगा.
महासचिव पद पर नियुक्ति के बाद तेजप्रताप यादव और राजेंद्र पासवान एक मंदिर में साथ-साथ दिखे. उधर, प्रदेश महासचिव बनाए जाने पर राजेंद्र पासवान ने खुशी जाहिर की है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तेजप्रताप चाहते थे कि मैं महासचिव बनूं. उन्होंने दोनों भाइयों के बीच किसी भी तरह के विवाद को नकारते हुए कहा कि पार्टी में तेजप्रताप यादव की बात सुनी जाती है.
इससे पहले तेजप्रताप ने असहज होते हुए कहा था, 'पार्टी के लोग मेरी भी बात नहीं सुनना चाहते. भाई से भाई को लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं. मगर किसी भी कीमत पर पार्टी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा.'
राजद नेता और भगवान कृष्ण के भक्त तेजप्रताप ने एक ट्वीट के जरिए जहां खुद के द्वारका जाने की बात कही वहीं इशारों ही इशारों में तेजस्वी को सबकुछ सौंप देने की भी बात कही. इस दौरान उन्होंने हालांकि कुछ 'चुगलों' (आलोचकों) की भी बात लिखी है.
तेजप्रताप ने ट्वीट किया, 'मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं. अब कुछेक 'चुगलों' को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं . राधे राधे.'
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