क्या आपको पता है कि आज Commonwealth Games में मणिपुर की मीराबाई चानू ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है और कर्नाटक के P. Gururaja ने सिल्वर मेडल जीता है? शायद आपको इस बारे में ज़्यादा जानकारी ना हो, क्योंकि आज हिंदी फिल्मों के भाई यानी सलमान ख़ान ने ख़बरों की दुनिया की सारी हेडलाइन्स जीत ली थीं. आज हर कोई इस बात पर चर्चा कर रहा है कि सलमान ख़ान को 5 साल की सज़ा क्यों हुई ? लेकिन आपको ऐसे लोग बहुत कम मिलेंगे जो आज भारत के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के बारे में बात कर रहे होंगे.
ये लम्हा हारने से भी बुरा होता है और इससे खिलाड़ियों का मनोबल पूरी तरह टूट जाता है. मीराबाई चानू के साथ ऐसा हो चुका है. वर्ष 2016 के Rio Olympics में मीराबाई चानू के नाम के आगे लिखा गया था 'Did Not Finish'...यानी वो अपने Weights नहीं उठा पाईं. इस घटना की वजह से Rio Olympics के बाद वो Depression में चली गईं थीं. उस असफलता के बाद, एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उन्होंने Weightlifting छोड़ने का मन बना लिया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पिछले साल World Weightlifting Championships में उन्होंने ज़बरदस्त वापसी की.
उनकी इच्छाशक्ति का एक उदाहरण ये भी है, कि उन्होंने 2017 में 48 किलोग्राम के अपने वज़न से क़रीब चार गुना ज़्यादा वज़न यानी 194 किलोग्राम का भार उठाकर Gold Medal जीता था. 48 किलो का वज़न बनाए रखने के लिए मीराबाई चानू ने खाना तक नहीं खाया था. और इसकी तैयारी के लिए वो अपनी सगी बहन की शादी में भी नहीं गई थीं. इसी इच्छाशक्ति की वजह से ही मीराबाई चानू को आज कामयाबी मिली है.
इस वक्त हमारे देश में लोगों की नज़रें जोधपुर जेल पर टिकी हुई हैं. सलमान ख़ान किस बैरक में हैं, उनके साथ कितने कैदी हैं ? उनकी हालत कैसी है? हर कोई इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ रहा है. और इस माहौल में ज़ी न्यूज़ की टीम ने गोल्ड मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू से बातचीत की है. उनकी बातें आपको भी सुननी चाहिए.
Source:-Zee News
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ये लम्हा हारने से भी बुरा होता है और इससे खिलाड़ियों का मनोबल पूरी तरह टूट जाता है. मीराबाई चानू के साथ ऐसा हो चुका है. वर्ष 2016 के Rio Olympics में मीराबाई चानू के नाम के आगे लिखा गया था 'Did Not Finish'...यानी वो अपने Weights नहीं उठा पाईं. इस घटना की वजह से Rio Olympics के बाद वो Depression में चली गईं थीं. उस असफलता के बाद, एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उन्होंने Weightlifting छोड़ने का मन बना लिया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पिछले साल World Weightlifting Championships में उन्होंने ज़बरदस्त वापसी की.
उनकी इच्छाशक्ति का एक उदाहरण ये भी है, कि उन्होंने 2017 में 48 किलोग्राम के अपने वज़न से क़रीब चार गुना ज़्यादा वज़न यानी 194 किलोग्राम का भार उठाकर Gold Medal जीता था. 48 किलो का वज़न बनाए रखने के लिए मीराबाई चानू ने खाना तक नहीं खाया था. और इसकी तैयारी के लिए वो अपनी सगी बहन की शादी में भी नहीं गई थीं. इसी इच्छाशक्ति की वजह से ही मीराबाई चानू को आज कामयाबी मिली है.
इस वक्त हमारे देश में लोगों की नज़रें जोधपुर जेल पर टिकी हुई हैं. सलमान ख़ान किस बैरक में हैं, उनके साथ कितने कैदी हैं ? उनकी हालत कैसी है? हर कोई इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ रहा है. और इस माहौल में ज़ी न्यूज़ की टीम ने गोल्ड मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू से बातचीत की है. उनकी बातें आपको भी सुननी चाहिए.
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